दिखावे करते हैं लोग अपने होने का
देखो तोह सब अपना अपना मतलब ढूंढते हैं
दिखावा करते हैं लोग हक जताने का
कब कौन छोड़ दे तुम्हे वो हक न मिलने पर
यूँ तो ज़िन्दगी होती हैं अकेली
फीके लम्हों को रंगीन कर जाए कोई तो क्या बात है
एक लम्हा कोई साथ दे दे,
अपनी भी ज़िन्दगी आबाद कर जाए कोई
रिश्तें बनते तो कई हैं
बुनियाद उसकी मज़बूत करे कोई तो क्या बात है
जरासी नोक-झोक पर टूट जाये,
वोह रिश्ते कभी नि:सत्व होते है...
दिखावे करते हैं लोग अपने होने का
देखो तोह सब अपना अपना मतलब ढूंढते हैं...
कोई अंत तक साथ दे
तो कोई शिकवा न हो इस ज़िन्दगी से
दिखावे करते हैं लोग अपने होने का
देखो तोह सब अपना अपना मतलब ढूंढते हैं...
- Wildheartbeats
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